सियासत | बड़ा आर्टिकल
मायावती ही क्यों, यूपी चुनाव में दलित राजनीति का अस्तित्व भी दांव पर
पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) मंत्री बन कर भले खुश हो रहे होंगे, लेकिन वो दलित राजनीति (Dalit Politics) का कोई भला नहीं कर रहे हैं - और मायावती (Mayawti) भी अगर यूपी चुनाव में करिश्मा दिखाने से चूकीं तो दलितों का बड़ा नेता कौन रहेगा?
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कांग्रेस के उदित राज समझें कुंभ और मदरसा दो अलग अलग चीज़े हैं
भारतीय राजनीति में कब कौन सा मामला राजनैतिक हो जाए या किसी के बयान पर कब सियासत गर्म हो जाए कोई भरोसा नहीं होता है. कांग्रेसी (Congress) नेता उदित राज (Udit Raj) का एक बयान सामने आता है जिसके बाद भाजपा (BJP) उनको कटघरे मे खड़ा कर देती है और उसका भरपूर राजनीतिकरण होने लगता है. जबकि दोनों ही लोग गलत हैं.
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Congress ने यूपी में ब्राह्मण पॉलिटिक्स के लिए गलत वक्त चुन लिया
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों (Brahmin Politics in Uttar Pradesh) को लुभाने में जुटी हुई है. चूंकि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) सामने नहीं आ रही हैं, इसलिए ये काम जितिन प्रसाद संभाल रहे हैं - लेकिन विकास दुबे एनकाउंटर (Vikas Dubey encounter) को मुद्दा बनाने की कोशिश हुई तो कोई फायदा नहीं होने वाला.
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#MeToo की चपेट में आये मोदी के मंत्री अकबर को लेकर इतना सन्नाटा क्यों?
मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर अब तक छह महिलाएं यौन शोषण के आरोप लगा चुकी हैं, लेकिन सन्नाटा पसरा हुआ है. मोदी कैबिनेट में भी महिला मंत्रियों की तादाद कोई कम नहीं, लेकिन मेनका गांधी के अलावा सब चुप हैं. आखिर ऐसा क्यों?
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